Shiv Pooja: संकट गरीबी रोगों से मुक्ति दिलाता है महामृत्युंजय मंत्र! सफलता और अथाह सुख के लिए जपे!

 

 

 

 

 

भारतीय सनातन परंपरा में वेदों से प्राप्त मंत्रों को दिव्य शक्ति का स्रोत माना गया है!उन्हीं में से एक है महामृत्युंजय मंत्र, जिसे रुद्र मंत्र या त्र्यम्बक मंत्र भी कहा जाता है! यह मंत्र मृत्यु के भय, रोग, कष्ट और अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति दिलाने वाला अत्यंत प्रभावशाली वैदिक मंत्र है! आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी इस लेख में बताने जा रहे कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महामृत्युंजय मंत्र की क्या महिमा है, यह किन ग्रहों के प्रभाव को शांत करता है, और यह संकटों से कैसे रक्षा करता है!

 

 

#महामृत्युंजय मंत्र क्या है?

 

> ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

 

यह मंत्र यजुर्वेद से लिया गया है और इसका संबंध भगवान शिव से है! ‘त्र्यम्बक’ का अर्थ है तीन नेत्रों वाले –अर्थात शिव, जो भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों को देखते हैं!

 

 

 

 

 

 

🕉 महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ;

” ॐ त्र्यम्बकं यजामहे – हम तीन नेत्रों वाले शिव की उपासना करते हैं!”

“सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् – जो जीवन में मिठास और ऊर्जा भरते हैं!”

“उर्वारुकमिव बन्धनान् – जैसे पका हुआ फल बेल से अलग हो जाता है,”

“मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् – वैसे ही हम मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अमरत्व को प्राप्त करें!”

 

🌌 ज्योतिष में महामृत्युंजय मंत्र का महत्व;

 

1. ग्रह दोषों से मुक्ति:

 

**अगर कुंडली में ;

#कालसर्प दोष,

#पित्र दोष,

#शनि की ढैया/साढ़ेसाती,

#राहु-केतु की अशुभ स्थिति, या

#मंगल दोष हो, तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप ग्रहों के अशुभ प्रभाव को शांत करता है!

 

विशेष रूप से आठवें भाव (मृत्यु भाव) में ग्रहों की अशुभ स्थिति से उभरने के लिए यह मंत्र अमोघ उपाय है!

 

 

2. आयु वृद्धि:

 

*यदि किसी की कुंडली में अल्पायु योग हो, अथवा आयु पर संकट हो जैसे दुर्घटना, शल्य चिकित्सा, ऑपरेशन, जीवन-मरण की स्थिति – तो इस मंत्र का नियमित जाप मृत्यु के संकट को टाल सकता है!

 

 

3. शनि और राहु के संकट में रक्षा;

 

#शनि, राहु और केतु जब गोचर में अशुभ फल दे रहे हों, तो महामृत्युंजय मंत्र मानसिक तनाव, भय, और असाध्य रोगों से बचाने में कारगर होता है!

 

4. मृत्यु तुल्य कष्टों से छुटकारा;

 

#मानसिक अवसाद, आत्महत्या की प्रवृत्ति, असाध्य रोग, जेल, कोर्ट-कचहरी, शत्रु बाधा, तंत्र-मंत्र से रक्षा में यह मंत्र अद्भुत परिणाम देता है!

 

**संकटों से रक्षा कैसे करता है?

 

1. ऊर्जा केंद्रों को जाग्रत करता है;

 

#महामृत्युंजय मंत्र हमारे सात चक्रों (energy centers) को सक्रिय करता है, विशेष रूप से अजना चक्र (तीसरा नेत्र) और सहस्रार चक्र, जिससे आत्मिक और मानसिक शक्ति जाग्रत होती है!

 

2. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा;

 

*मंत्र का जाप करते समय उत्पन्न ध्वनि कंपन (vibrations) वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।!यह तांत्रिक बाधाओं को भी निष्क्रिय करता है!

 

3. कर्म बंधनों से मुक्ति;

 

*यह मंत्र पूर्व जन्मों के कर्मों से उत्पन्न पीड़ाओं को शुद्ध करने की क्षमता रखता है! इससे व्यक्ति मानसिक रूप से शांत रहता है और जीवन के कठिन निर्णयों को धैर्य से ले पाता है!

 

4. मनोबल और आत्मबल में वृद्धि;

 

मंत्र जाप से मनोबल मजबूत होता है, और आत्मबल के साथ व्यक्ति बड़ी से बड़ी परेशानी का सामना कर पाता है!

 

#मंत्र जाप की विधि (कैसे करें?)

 

*मंत्र जाप के लिए प्रातः काल या रात्रि समय श्रेष्ठ है!

शिवलिंग के सामने बैठकर या मानसिक रूप से शिव का ध्यान कर सकते हैं!

 

*रुद्राक्ष की माला (108 दाने) से जाप करें!

 

*मंत्र जाप का संकल्प लें – जैसे 108, 1008 या 1.25 लाख बार जाप!

 

#सोमवार और महाशिवरात्रि पर इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ होता है!

 

 

 

 

 

🔔 किन परिस्थितियों में करना चाहिए महामृत्युंजय जाप?

 

जीवन-मरण का संकट हो या मृत्यु से रक्षा करना हो

रोग या ऑपरेशन रोग से मुक्ति के लिए व शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्ति के लिए महा मृत्युंजय मंत्र जपे!

कोर्ट-कचहरी निर्णय में राहत पाना चाहते हैं,

नौकरी में संकट हो या ग्रहों के दोष शमन द्वारा मार्ग प्रशस्त करना है!

ग्रहों की दशा खराब हो विशेष रूप से राहु, केतु, शनि की दशा में कल्याणकारी होता है, साथ ही अगर व्यक्ति

मानसिक रोग/डिप्रेशन आत्मबल में वृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करना चाहते हैं तो ये मंत्र सुख दाई होता है!

 

 

🧘 विशेष संकेत जिनसे जानें आपको महामृत्युंजय जाप की आवश्यकता है;

 

1. सपनों में श्मशान, मृत्यु या सांप दिखे!

 

2. जीवन में लगातार दुर्घटनाएं हों!

 

3. बुरी नजर, तांत्रिक बाधा, अजीब डर या घबराहट!

 

4. अचानक बिगड़ती सेहत, डॉक्टर भी कारण न बताए!

 

5. ज्योतिषीय सलाह में आठवां भाव या राहु-केतु दोष सक्रिय हो!

 

 

🌿 मंत्र से जुड़े कुछ चमत्कारी अनुभव (आध्यात्मिक दृष्टिकोण):

 

*कई लोगों ने यह अनुभव किया है कि महामृत्युंजय मंत्र के नियमित जाप से गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिला!

 

*कुछ लोगों ने गाड़ी दुर्घटना के समय शिव का आशीर्वाद और चमत्कारी बचाव महसूस किया!

 

*मंत्र जाप के दौरान रुद्राक्ष से गर्मी, कंपन, या शांति की अनुभूति होना इस मंत्र की शक्ति का प्रतीक है!

 

* अगर कोई ऊपरी बाधा व्यक्ति पर है , इस दशा में भी ये महा मंत्र आपकी रक्षा करता है!

 

🌠 ज्योतिषीय उपाय के रूप में कैसे करें प्रयोग?

 

1. यदि आपकी कुंडली में 8वें भाव में राहु/केतु हों, तो हर सोमवार 108 बार महामृत्युंजय मंत्र जाप करें!

 

2. शनि की साढ़ेसाती में इस मंत्र का 43 दिनों तक 108 बार जाप चमत्कारी फल देता है!

 

3. चंद्रमा कमजोर हो या मानसिक तनाव हो, तो जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर अर्घ्य देते हुए जाप करें!

 

4. पित्र दोष निवारण हेतु अमावस्या या श्राद्ध में महामृत्युंजय मंत्र के साथ श्राद्ध कर्म करें!

 

महामृत्युंजय मंत्र केवल एक वैदिक मंत्र नहीं, बल्कि आत्मा, शरीर और मन को पुनर्जीवित करने वाली दिव्य औषधि है! ज्योतिषीय दृष्टि से यह मृत्यु तुल्य कष्टों से रक्षा, ग्रह दोषों के शमन, और आयु वृद्धि का प्रमुख उपाय है! जीवन के किसी भी संकट में यदि कोई एक मंत्र पर आस्था रखनी हो, तो वह महामृत्युंजय मंत्र ही है!

 

🙏 “मृत्यु को जीतने वाला यह मंत्र, जीवन के हर मोड़ पर आपका संरक्षक बन सकता है!”

 

**आपका कल्याण हो! भगवान शिव की कृपा सदा बनी रहे!

🔱 हर हर महादेव 🔱

 

 

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